Friday 24 December 2021

OMG ! Actress Urvashi Sharma effortlessly lifts 80 kilos! Video Goes Viral on Social Media



 Actress Urvashi Sharma, wife of actor-producer Sachiin Joshi, is sweating it out at the gym. And how!  
A mother, a wife, and a Beauty Queen, Urvashi's choice is to keep herself fit during the pandemic.

Urvashi keeps surprising the fans with her fitness posts on social media.
Recently, a post of Urvashi is creating a sensation online where the actress is seen lifting 80 kg weight on a squat rack with efffortless ease.

In the past, Urvashi also created a stir when she appeared in the television show Amma, where she essayed the central character. But the actress has always prioritised family over glitz and glam and is the driving force behind the social initiatives of Big Brother Foundation. Apart from this, fitness is on Urvashi's priority list. Like Urvashi, there is Bollywood sensation Malaika Arora who maintains her daily health routine while balancing everything.  Malaika also sweats for hours in the gym to maintain her body and soul. Although Malaika is older than Urvashi in both age and experience, the answer to both these hot bods is fitness, and perhaps taking Urvashi and Malaika as their inspiration, today's young brigade will also start considering fitness as an integral part of their daily life.

Tuesday 21 December 2021

Kala Ghoda Art Festival! साल का सबसे बड़ा कार्निवल हो रहा हैं शुरू, जानिए कैसे होगा काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल का भव्य आयोजन!


इस फरवरी भरीये नई उड़ान, अपनी चाहत को लगाकर खुशियों के पंख, खो जाइये काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल की गलियों में। जहाँ रंगमंच हैं, डांस है , संस्कृत कला का अनोखा मेल हैं, गीत हैं, संगीत हैं और ढेर सारी मस्ती हैं। एक ही जगह लाखो रंग हैं ,जिसमें सराबोर होने के लिए हर कोई इस खास दिन का साल से इंतजार करता हैं।



जी हां, काला घोड़ा की पथरीली सड़के फिर से इस महोत्सव के लिए चकाचौंध होने जा रही हैं। कोरोना काल में जो गलियां बेजान पड़ी थी अब दम भरने के लिए तैयार हो गयी हैं।


 • जब दुनियां कोरोना महामारी से थम गई थी तब काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल ने बिना रुके 9 दिनों में 70 ऑनलाइन प्रोग्राम के जरिये डिजिटल की दुनिया में सफलतापूर्वक दस्तक दी।


9 दिन तक होने वाले काला घोड़ा कार्निवाल की रौनक इन खूबसूरत लोकेशन पर होगी जो 100 साल पुरानी पाम्परिक बिल्डिंग तो हैं लेकिन उनकी खूबसूरती बेमिसाल हैं।जैसे, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय जहाँ पर बच्चों का म्यूज़ियम हैं। कुमरास्वामी हॉल, एम्पिथेटर, वहाँ का लॉन और कुछ बाहरी सुंदर नजारें। मैक्स मूएलर भवन - जहाँ पर कला और वास्तुकारी का अनोखा नजारा देखने मिलता हैं। एन.जी.एम.ए ऑडिटोरिम , हॉर्निम सर्कल गार्डन, किताब खाना और काला घोड़ा की गलियां।

चूंकि इस साल गलियां तो खुली होगी लेकिन महामारी से बचाव हो इसीलिए कम से कम दुकानें लगेंगी

पर  ज्यादातर उनमें एरियल विसुअल आर्ट यानि कि हवाई कला दृश्य का नजारा देखने मिलेगा जो  इस बार काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल की थीम 'उड़ान' को प्रस्तुत करेगा जो खूबसूरत लाइटिंग से सुसज्जित होंगी।


पिछली बार, कुछ बिल्ड़िंग के बाहरी दीवारों पर खूबसूरत वॉल पेंटिंग की गई थी।लेकिन इस बार काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल में जो स्थापित किया जाएगा उसकी कारीगरी सोच के भी परे होगी। कोविड के नियमों को ध्यान में रखते हुए, सोशल डिस्टेंसिनग और रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा तांकि भीड़ से बचा जा सके। दोहरे टीकाकरण प्रमाणपत्र की जांच होगी। बच्चों को अपने परिवार के साथ  रहना अनिवार्य होगा साथ ही आरोग्य सेतु एप की भी जांच होगी।


 वर्कशॉप,पारंपरिक चलन और स्ट्रीट प्ले संचालित किए जाएंगे इसके साथ ही साथ विसुअल आर्ट , साहित्यिक कला, थिएटर, सिनेमा , संगीत और डांस इन सभी का अनोखा संगम होगा ।


काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल में आने वालों की भीड़ बेमिसाल हैं । यहाँ पर सारे कार्यक्रम निःशुल्क किये जाते हैं जिसके लिए किसी भी टिकेट का लेन देन नही होता। जो भी लोग इस फेस्टिवल में आएंगे उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। काला घोड़ा फेस्टिवल से जो राशि इक्कठा होती हैं वो वहां की पुरानी और पारंपरिक स्मारक, बिल्डिंग ,आसपास के क्षेत्र की मरम्मत और उनकी रख रखाव में इस्तेमाल की जाती हैं। मुलजी जेठा फाउंटेन, के इ.सायनागोज और बोमन जी हॉर्मोर जी क्लॉक टावर को यूनेस्को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया हैं।


काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल की डायरेक्टर बृंदा मिलर कहती हैं कि ' मुम्बई में काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल अपने निर्धारित तारीख पर और वादे को पूरा करने के लिए तैयार हैं । इस 23 वें साल में हम कला और संस्कृत के इस बेजोड़ संगम को सबसे उत्कृष्ट रूप में मनाएंगे।

हमारे साथी और सहयोगी ,एक दूसरे का हाथ थामे हमारे साथ उसी जज्बे के साथ वापसी कर रहे हैं कि इस बार महोत्सव का आगाज और उसका संचालन सबसे ज्यादा धमाकेदार होगा । ज्यादा भीड़ से बचने के लिए और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हमारा ज्यादातर फोकस एरियल इंस्टालेशन पर होगा ताकि ग्राउंड एक्टिविटी कम हो।


 साथ ही, हमारे स्टॉल वर्चुअल हैं, जिसमें काला घोड़ा आर्ट कार्ट (KGAK) भागीदारी और खरीद दोनों के मामले में दुनिया के लिए बाज़ार खोल रहा है।

और निश्चित रूप से, आर्ट कार्ट 10 दिसंबर से शुरू होकर पूरे साल खुला रहता है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हर कोई हमारे लौकिक डार्क हॉर्स में शामिल होगा, जिसने उड़ान की अवधारणा के साथ पंख ले लिए हैं, जो 2022 में हमारे वैश्विक पदचिह्न को मजबूत करेगा।"


 तो चले और समर्थन करे यहां 22 साल पुराने प्रतिष्ठित महोत्सव को ,जो जीवन के सभी क्षेत्रों से आधा मिलियन से अधिक लोगों को आकर्षित करता है और जिसका विकास आपसी सहयोग, बल और शक्ति से होता हैं।

Monday 20 December 2021

काला घोड़ा आर्ट कार्ट (KGAK) के जरिये मिलेगी लाखों छोटे-मोटे कारीगरों को मदद, महामारी से भुगते खामियाजे की अब होगी भरपाई !





काला घोड़ा आर्ट्स फेस्टिवल फरवरी में वापसी कर रहा हैं। और ये काला घोड़ा अपनी थीम उड़ान के साथ पंख फैलाकर उड़ने के लिए तैयार है क्योंकि ये फेस्टिवल कला के उत्सव को सेलिब्रेट करने का एक नोबल कॉज हैं। महामारी के चलते जिन व्यापारियों पर आर्थिक तंगी की मार पड़ी हुई थी अब काला घोड़ा आर्ट कार्ट में मुँह की बोली लगाकर आर्थिक लाभ मिलने में उन्हेंमदद मिल पाएगी,जो 10 दिसंबर 2021 से 30 नवंबर 2022 तक चलेगा।



काला घोड़ा आर्ट कार्ट ऑनलाइन ऐसे छोटे-मोटे मार्केट चालकों के लिए जीवनदान प्रदान करता हैं जो अपने अनूठे और अद्भुत हस्तकला की कारीगरी को लोगों के सामने लाना चाहते हैं,तो ऐसे में ऑनलाइन के जरिए उनकी ये मेहनत लाखों लोगों के सामने आसानी से आ सकती हैं और इस महामारी से हुए नुकसान की भरपाई भी हो सकती हैं।

काला घोड़ा एसोसिएशन की माननीय अध्यक्ष ब्रिंदा मिलर कहती हैं कि "आर्ट कार्ट के माध्यम से हमारा प्रयास शिल्पकारों की अनूठी कलाओ और कृतियों को सामने लाना है।  काला घोड़ा आर्ट कार्ट साल भर चलेगा जो फरवरी के केवल नौ दिनों तक ही सीमित नहीं रहेगा । इस कार्ट की मदद से छोटे कारीगरों को उनका जीवन बसर करने में मदद मिलेगी "।


काला घोड़ा आर्ट कार्ट में जिन शिल्पकारों की अद्भुत कला को लोग भुला चुके हैं उनके द्वारा बनाये गए परिधान से लेकर, गहने,स्कार्फ, शर्ट और घर के जरूरी सामान सब कुछ एक ही जगह उपलब्ध होंगे। यहां पर 500 आवेदकों में से देश के प्रतिभाशाली और भारतीय कला से सुसज्जित  धनी ऐसे 50 कारिगिरीयों को चुना गया जो अपनी बनाई हुई अद्भुत कारीगिरी को दिखाएंगे। "इस कार्ट साइट पर बहुत सारे स्टाल्स प्रदर्शक विशेष हैं जो भारत के कई राज्य से होंगे। हमारा ज्यादातर झुकाव क्राफ्टमैंनशिप की तरफ हैं और हम पर्यावरण सम्बंन्धित ,आधुनिक युग में इस्तेमाल की जा रही वस्तुओँ की तरफ ज्यादा फोकस्ड है जो हमारी भारतीय पारंपरिक कला शैली को प्रस्तुत करता हैं" । मयंक वलेशाह जी काला घोड़ा आर्ट कार्ट के क्यूरेटर  का कहना हैं।


 
इस बार जो-जो इस कार्ट पर आएंगे खासकर तौर पर उन्हें हरियाणा के हिसार से हाथ की कढ़ाई किये हुए जूते, सूखे पत्तों से साड़ियों पर बनाई हुई प्रिंट, अहमदाबाद के बनाये हुए बैग्स जो प्लास्टिक वेस्ट से बनी होंगी, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से विंड चाइम्स और लैंप जो सुखी लौकी और पेपर से बने होंगे, ऐसे कुछ अद्वितीय वस्तुएं मिलेंगी।

इस साल हमे ऐसा ग्लोबल प्लेटफार्म देखने के लिए मिलेगा जहां पर एक ही मंच पर एकलौते या सामूहिक तौर पर आए हुए कलाकृतियों में एक बात सबसे ज्यादा सामान्य होगी और वो है उनके द्वारा हमारी पारंपरिक बुनाई पर दिया गया महत्व, आधुनिक जीवन शैली में भी पुराने संस्कृति और कला से जुड़ी सामानों का किस तरह उपयोग हो और कैसे भारत की संस्कृति इनके माध्यम से उजागर हो और लोगो तक पहुचे, ये काला घोड़ा आर्ट कार्ट की खासियत होगी। ब्रिंदा मिलर ये भी कहती हैं " वातावरण को शुद्ध और हरित बनाये रखने के साथ ही पशु मित्रवत संघों को भी प्रदर्शित करने का आग्रह किया गया है।  काला घोड़ा आर्ट कार्ट में हम लगातार उन लोगों की मदद करने में भी सक्षम हैं जो इस दुनिया को बेहतर बनाने में हम सभी की मदद करते हैं," ।



Saturday 18 December 2021

NCPA में दिखा 100 अद्भुत पक्षियों की फोटोग्राफी का नजारा , समाज को दिया एक खास मैसेज, गायक सुदेश भोसले ने अपनी गायकी से बांधा समा !

  

सुदेश भोंसलेशिखा मल्होत्रानिहारिका रायज़ादा और डॉ अनुषा श्रीनिवासन अय्यर ने आज पीरामल आर्ट गैलरी फॉर फ़ोटोग्राफ़ी एज़ एन आर्टफ़ॉर्मएनसीपीए में मुकेश पारपियानी-क्यूरेटेड 100 चुनिंदा फ़ोटोग्राफ़रों द्वारा 100 अद्भुत फ़ोटोग्राफ़रों द्वारा बर्ड्स एज़ मैसेंजर ऑफ़ पीस के उद्घाटन में भाग लिया। सुदेश भोसले की संक्रामक ऊर्जाबुद्धि और गायन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया


 वयोवृद्ध फोटोग्राफर और पिरामल गैलरी के प्रमुखमुकेश परपियानी ने हर पल का आनंद लेने वाले मेहमानों के लिए गैलरी और प्रदर्शनी के पीछे का विजन साझा किया। कुल मिलाकरवास्तव में एक घटनापूर्ण उद्घाटन