मौजूदा समय में, हर साल तकरीबन 72 मिलियन टन ख़तरनाक किस्म का कचरा पैदा होता है. ऐसे में मौजूदा दौर में हर साल एक वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त लैंडफ़िल जगह की आवश्यकता पड़ती है ताक़ि इस कचरे को समाहित किया जा सके. इस कचरे के तीस मिलियन टन हिस्से को नष्ट होने में सदियों लग जाते हैं. हम इस कचरे को क़ाबू करने में विफल साबित हो रहे हैं और ऐसे में अब प्लास्टिक हमारे खान-पान का हिस्सा बनता जा रहा है.
स्मिता ठाकरे ने कहा, "इस तरह के नुकसान से बचने के लिए एक ऑटोमेटेड PET बोतल रिसाइक्लिंग 'रीबोट' मशीन इस्तेमाल करनेवालों को बोतल अंदर डालनेवाली जगह पर बोतल डालने का मौका देता है. ऐसा होते ही मशीन बोतल को नष्ट कर देती है. उल्लेखनीय है कि ऐसा करने के बाद यूज़र को एक रिवॉर्ड कूपन को हासिल करने अथवा एक नेक मक़सद के लिए उसे दान कर देने का विकल्प मिलता है. नष्ट कर दी गई प्लास्टिक की बोतल को हमारे द्वारा रीसाइकल किया जाता है और उससे संबंधित अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं. इससे लैंडफ़िल यूसेज में कमी आती है और इससे रीसाइक्लिंग की दर भी बढ़ जाती है." ग़ौरतलब है कि इससे पहले नीता अंबानी और आदित्य ठाकरे द्वारा इस तरह के मशीनों का उद्घाटन किया जा चुका है."
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